
यानि उनके नज़र में बिहारी उज्जड,गंवार,बेवकूफ और मजदुर किस्म के होते है।
मैंने उनसे कहा कि बिहारियों के प्रति गलत धारणा आपके मन में है। आप किसी भी बड़े शहर में चले जाइये ऊपर से नीचे तक नौकरी में आपको बिहारी लड़के ज्यादा मिलेंगे, किसी भी यूनीवर्सिटी या कॉलेज में चले जाइये आपको बिहारी लड़के सबसे ज्यादा मिलेंगे और तो और आप कोटा जा रहें है वही आप अनुपात मिला लीजियेगा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल कि तैयारी में बिहारी लड़के कितने है और पुरे भारत से कितने है। हकीकत तो यह है कि बिहारी लड़के अपने पढाई के बल पर अपनी विद्वता के आधार पर आपके राज्य में वो जगह हांसिल कर लिए है जिस पर आपका अधिकार बनता है क्यों कि आप में वो विद्वता नहीं है जो बिहारी लड़कों में है इसलिए आपकी जगह वो हांसिल कर रहे हैं। और जलन का मुख्या उद्देश्य यही है, इसीलिए बिहारियों को आप लोग बदनाम करते है। मैंने उनसे कहा कि बिहार वो जगह है जहा गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था,आज कितने देश बौद्ध धर्म को अपनाएं है, महावीर ने जैन धर्म का प्रचार वही से शुरू किये थे, उनको भी ज्ञान वही मिला था। आधी दुनियां पर राज करने वाले अशोक सम्राट बिहार से ही थे, दुनिया कि पुरानी यूनिवर्सिटी में नालंदा यूनिवर्सिटी का नाम पहले आता है जहाँ विदेशों से लड़के पढने के लिए आते थे। महात्मा गाँधी जब अफ्रीका से भारत आये तो देश कि आज़ादी का शंखनाद करने के लिए पुरे भारत का भ्रमण कर लिए लेकिन किसी भी राज्य में उनको मुठ्ठी भर लोग नहीं मिले जो देश कि आज़ादी के संघर्ष में उनका साथ दे सकें तब उनको बिहार के लोग ही मिले आज़ादी कि लड़ाई में साथ देने के लिए, तब गाँधी जी ने बिहार के पच्छिम चंपारण से देश कि आज़ादी का शंखनाद किया। बिहार कि गरिमा इतनी बड़ी है कि उसको किसी कि सहारे कि जरुरत नहीं है। वो सज्जन मेरी बातें सुने, कोई जबाब नहीं दिए, शायद उनके दिल में बिहार या बिहारियों के प्रति जो नफरत थी वो कम हुआ या नहीं मै अनुमान नहीं लगा पाया, क्यों कि फिर वो पुरे रास्ते मुझसे बात नहीं किये। मै आज तक यह नहीं समझ पाया कि बिहारियों के प्रति बाकि राज्यों में गलत धारणा क्यों
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