Friday, October 22, 2010

अब विकाश कि लहर चलने वाली है


बिहार का चुनाव क्या हो रहा है सभी छोटे बड़े राजनेताओं कि जुबान पर बस विकाश का ही मुद्दा छाया हुआ है अब हर नेता अपनी जनसभा में केवल विकाश कि बात कर रहा है चाहे वह कांग्रेस हो, आर.जे.डी हो, लोजपा हो, बीजेपी हो, जे.डी.यू हो या कमनिष्ट पार्टी हो, सभी एक ही राग अलाप रहे है और वह है "विकाश"
देर से ही सही अब राजनीतिक पार्टियों को यह लगने लगा है कि भारत कि जनता को बहुत दिनों तक बेवकूफ बना लिया है चाहे वह जाती के नाम हो, धर्म के नाम पर हो या गरीबी के नाम पर हो, लेकिन अब भारतीय जनता को ये राज नेता और बेवकूफ नहीं बना सकते क्यों कि आज कि ७० फीसदी नौजवान पीढ़ी पढ़ी-लिखी और सुलझी हुई है यह २१ वीं शदी कि पीढ़ी है यह जाती, धर्म से ऊपर उढ़ कर सोंचती है आज कि युवा पीढ़ी दिल का नहीं दिमाग का इस्तेमाल करती है अब पढ़े लिखे मुसलमान नौजवान पीढ़ी अपने को अल्प-संख्यक कहलाना पसंद नहीं करते है क्यों कि अल्प-संख्यक शब्द उनको गाली लगता है, वो भी भारतीय है तो अल्प-संख्यक क्यों कहा जाता है यह चेतना पढ़े-लिखे नौजवान पीढ़ियों में आई है यह पीढ़ी अपने राज्य अपने सूबे में विकाश चाहती है, अब यह पीढ़ी राजनेतावों के चिकनी-चुपड़ी बातो में नहीं आने वाली है, आज कि युवा पीढ़ी समझदार पीढ़ी है इसीलिए अब सभी राजनीतिक पार्टियाँ भी अपना स्टैंड बदलने लगी है और विकाश कि बाते करने लगी है क्यों कि अब उन्हें भी यह समझ आने लगा है कि बात बनाने से वोट नहीं मिलने वाला है, काम के बदले ही वोट मिलेगा, इसलिए विकाश कि बाते करने लगे है
राज्य के विकाश के मुद्दे कि शुरुआत भी बिहार से ही हुआ जैसे कि देश कि आज़ादी कि शुरुआत गाँधी जी ने बिहार कि धरती से ही किये थे, एक बिहारी ने पुरे भारत से कांग्रेस कि सत्ता को उखाड़ फेंका था वह जयप्रकाश नारायण बिहार से ही थे और राज्य के विकाश का मुद्दा एक बिहारी ने ही उठाया है वह बिहार के वर्तमान मुख्य-मंत्री नितीश कुमार है विकाश कि बाते अभी बिहार में हो रही है लेकिन जैसे-जैसे भारत के और राज्यों में चुनाव आएगा वहां कि जनता भी विकाश कि ही बात करेगी तथा विकाश ही चुनावी मुद्दा बनेगा अभी तो यह शुरुआत है आगे-आगे देखिये होता है क्या ? विकाश कि लहर चल पड़ी है अब इसके आंधी में पूरा देश, देश कि पूरी जनता कि एक ही आवाज़ होगी और वह आवाज़ होगी ......"विकाश" केवल विकाश हर सूबे में विकाश हर राज्य में विकाश पुरे देश में विकाश, अब आम जनता अपने सरकार से सिर्फ विकाश चाहेगी अब राजनेतावों कि कि चिकनी-चुपड़ी बाते जनता को दिग्भ्रमित नहीं कर पायेगी अब राजनेतावों को जनता काम के बदले अपना वोट देगी समय रहते राजनेतावों को सम्हल जाना चाहिए क्यों कि अब पढ़े-लिखे वोटरों से राजनेतावों का पाला पड़ने वाला है अब राजनेतावों के दिन बदलने वाले है काँटों भरे रास्ते से इनको गुजरना होगा क्यों कि २१वीं शदी कि पीढ़ी पढ़ी-लिखी पीढ़ी है यह अपने एक एक पैसे का हिसाब राजनेतावों से लेगी
बिहार के चुनाव में विकाश मुख्य मुद्दा उभर कर सामने आया है .... नितीश कुमार विकाश कि बाते करते है तो बात समझ में आती है क्यों कि उन्हों ने सूबे में थोडा ही सही विकाश कि गाड़ी को पटरी पर ला तो दिए है अगर लालू जी विकाश कि बात करते है तो बेमानी लगता है क्यों कि उन्हों ने पंद्रह साल में बिहार में कोई विकाश नहीं किये और पासवान जी ये तो केवल केंद्र में मंत्री रहे है इनके लिए तो पूरा भारत एक है तो फिर बिहार जैसे एक राज्य को ये क्या अहमियत देंगे, अब रही कांग्रेस पार्टी ये विकाश कि बात तो कर ही नहीं रही है इसके सभी बड़े नेता केवल एक ही राग अलाप रहे है .... केंद्र के पैसे से बिहार का विकाश हुआ है

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