ऍफ़ डी आई को लेकर आज देश में हो हल्ला मचा हुआ है, कांगेस यह तर्क दे रही
है इसके आने से देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा, किसानो को अपने उत्पादन पर
ज्यादा मुनाफा होगा देश में रोजगार बढेगा यानि कि सब कुछ अच्छा ही अच्छा
होगा लेकिन हमें उन दिनों को याद रखना चाहिए जब आज से २७० साल पहले
ब्रितानी ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के लिए आई थी और उसके
क्या परिणाम हुए यह हम सब अच्छी तरह जानते है! उन्हों ने दो सौ सालों तक
हमारे देश पर शासन किया, अगर महात्मा गाँधी नहीं होते तो आज भी हमारे देश
में ब्रिटिश हुकुमत ही होता ! कोका-कोला और पेप्सी के आने
से हमारे देश में वह उद्योग बंद हो गए जहाँ कभी फेंटा, लिम्का और गोल्ड
स्पाट जैसे सोफ्ट ड्रिंक बनते थे क्यों कि आज कोका-कोला और पेप्सी जैसी
कंपनियों ने या तो इन उत्पादों को बंद करा दिया या फिर वह वहां अपना
उत्पादन करने लगी ! माना कि विदेशी कंपनियों के आने से तात्कालिक भारत के
लोगों को फायदा तो होगा लेकिन आगे चल कर क्या होगा ? यही होगा आज किसान
अपने
दामो पर उसे अपना माल देंगे लेकिन कुछ ही सालो के अन्दर ये विदेशी
कम्पनियाँ किसानो के उत्पादन का मूल्य खुद तय करेंगी और अपने शर्तो पर
सामान लेंगी ! विदेशी कम्पनियाँ हमारे देश में यहाँ के लोगों का भला या देश
का आर्थिक मदद करने के लिए नहीं आ रही है बल्कि अपने पैसे के बल पर हमारे
देश का सामान खरीद कर हमें ही बेचेगी और मुनाफा कमा कर अपने देश की आर्थिक
मदद करेगी ! ले देकर अब यही लगने लगा है की हम आज फिर से उसी अतीत के तरफ
लौटने लगे है जब हमारा देश गुलाम था ! हमारे देश के नेताओं को यह समझना
चाहिए की यह देश हमारा है इसकी दीवारे इतनी मजबूत करे की कोई विदेशी
कम्पनियाँ हमारे देश में आकर हमारे लोगों को नहीं ढगे !
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