Wednesday, November 17, 2010

लालच बुरी बला (कौन बनेगा करोडपति)



सोनी टीवी पर रात्रि नव बजे सोमवार से वृहष्पतिवार तक महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा प्रस्तुत "कौन बनेगा करोडपति" का प्रसारण हो रहा है। इसमे हर सवाल का चार जबाब कम्प्यूटर पर दिखाए जाते है जिसमे से एक जबाब सही होता है, इन्ही सही जबाबों को देते हुए प्रतिभागी रकम दर रकम जीतते हुए आगे बढ़ते है और यह रकम हर सही जबाब के बाद दुगनी होती जाती है। खेल पांच करोड़ के रकम तक जाकर समाप्त हो जाती है। महानायक अमिताभ बच्चन कि प्रस्तुति में महानता झलकती है, वो हर प्रतिभागी को प्रोत्साहित करते नज़र आते है और ज्यादा से ज्यादा रकम प्रतिभागी को जीतते देखना चाहते है। तरह-तरह के लोग उनके सामने वाली हॉट सीट पर बैठते है और उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जबाब देते है। इसी हॉट सीट पर मेरठ से आये प्रतिभागी "प्रशांत बातर" भी बैठते है और अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए सवालों का सही जबाब देते हुए एक करोड़ कि राशी तक जीत जाते है। फिर आता है इस खेल का आखरी पांच करोड़ का जैकपॉट सवाल। इस खेल का रोमांचक पहलु।
अमिताभ बच्चन प्रशांत बातर से कहते है "अगर इस सवाल का सही जबाब आपको मालूम हो तब ही खेलिएगा, अगर जबाब नहीं मालूम हो तो खेल को बीच में छोड़ कर जा सकते है, क्यों कि आप एक करोड़ रुपये जीत चुके है" । शायद प्रशांत बातर अमिताभ बच्चन द्वारा कही हुई बातो पर पूरी तरह ध्यान नहीं देते है तभी तो वो अमिताभ जी से एक मिनट का समय मांगते है गणेश भगवान को ध्यान लगाने के लिए। अमिताभ जी उनको दो मिनट का समय देते है। गणेश जी को ध्यान लगाने के लिए। ध्यान ख़त्म होने के बाद प्रशांत बातर खेल को आगे खेलने का इक्छा जाहिर करते है और गेम खेलना शुरू करते है।
कौन बनेगा करोड़पति का आंखरी सवाल कंप्यूटर पर चार ज़बाब जिसमे से एक ज़बाब सही तीन गलत, प्रशांत बातर के पास एक आप्सन डबल डीप, अमित जी फिर कहते है अगर आपको सही ज़बाब मालूम हो तब ही खेलिएगा, लेकिन प्रशांत बातर डबल डीप का उपयोग करने के बावजूद भी सही ज़बाब नहीं दे पाते है और तीन लाख बीस हज़ार रुपया ही जीत पाते है। मतलब कि एक करोड़ रुपया जीत जाने के बाद भी प्रशांत बातर आंखरी सवाल का ज़बाब देते है जब कि उनको सही ज़बाब नहीं मालूम है अमिताभ बच्चन के बार-बार कहने पर भी वह ध्यान नहीं देते है। यह लालच कि पाराकाष्टा कही जाएगी या ना-समझी।
यह लालच ही है जो प्रशांत बातर के सोंचने समझने कि क्रिया पर पूरी तरह हावी हो गया और अच्छी-खासी जीती हुई रकम गँवा बैठे।
प्रशांत बातर के हार से हम सभी को एक सबक मिलती है " अति लालच बर्बादी का कारण"

1 comment:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

अजय जी,
कल भी इसी विषय के एक ब्लाग पर मैंने यही बात लिखी थी कि क्या यह प्रशांत का लालच था या सोनी वालों का खेल। याद कीजिए एक बार 'करोड़पती' पर आक्षेप लगा था कि यहां से कोई पूरी रकम नहीं ले जा रहा तो उस समय जिसको करोड़पती बनाया गया था उसकी भाव-भंगिमा ने शक को हवा दी थी। इस बार भी अपनी तथाकथित लोकप्रियता को दर्शाने के लिए उस काल्पनिक तथा विवादित मानक टी.आर.पी. को बढाने के लिए किया गया तमाशा लगता है। नहीं तो कोई ऐसे प्रश्न का उत्तर देने की हिमाकत करेगा जिसके उत्तर का उसे जरा सा भी आभास ना हो और जिसे खेलने के लिए उसे एक तरह से मना किया जा रहा हो वह भी इतनी बड़ी रकम दांव पर होने के बावजूद।
सब पहले से Fix लगता है।