Saturday, August 20, 2011

राजनितिक गलियारे

राजनीत की गलियारों में , जहाँ चालबाज ही बसते है !
हर चाल और मात की खेल में, सत्ताधारी ही जीतते है!
केंद्र में बैठी सरकार की, कुछ अजब निराली टीम है !
इन सावा शेरो की टीम में, सब शेर खान  ही बैठे है !
दिग्गी राजा बड़े बोले तो सिब्बल भी है बड़े चालबाज़ !
पवन कुमार की मीठी बातों में,फंस जाते है हम सब ही यार !
प्रणव मुखर्जी की बात निराली, हर बात की काट है इनके पास !
इन बातों से नहीं देश चलती, देश चलाना कठिन है काम !
है जनता की सरकार अगर तो जनता के लिए करो हर काम !
हर बार महंगाई बढ़ा बढ़ा कर, कर रहे हो जनता की नींद हराम !
जनता से तुम हो तुमसे नहीं है जनता, यह याद रखो तुम बारम्बार !
हर पांच बरस के बाद तुम्हे आना है फिर जनता के पास !
क्या जनता तुम्हे जिताएगी, क्या ऐसा तुमको है एहसास !
यह अपने अन्दर झांक कर देखो, पावोगे अपना परिणाम ! 
तुम संसद नहीं एक सांसद हो, यह याद रखो हर जीत के बाद !
यह देश तुम्हारा अपना ही है, अब तो करो इसके लिए काम !
ना कुछ लेकर तुम आये थे, ना कुछ लेकर जावोगे !
बस नाम तुम्हारा रह जायेगा, अब तो करो कुछ अच्छा काम !



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