Friday, April 23, 2010

सिमटी सी पटना

पटना, बिहार की राजधानी है। अठारह लाख (18,00,000) की आवादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि।मी। लम्बा और 7 कि.मी. चौड़ा है। इस शहर के विस्तार के लिए अनेको बार समाचार पत्र में खबर आते रहते है इसका विस्तार होगा लेकिन ७० सालो में इसका विस्तार नहीं हो पाया है। सबसे पहले यह जानना पड़ेगा की पटना की आधी से ज्यादा आबादी सरकारी नौकरी में है तक़रीबन 20% आबादी प्राइवेट आफिस में नौकरी करती है तथा % लोग राजनीत से जुड़े हुए हैयहाँ का व्यापर चाहे वह किसी भी तरह का हो इन्ही लोगो पर आश्रित है। डाक बंगला चौराहा से चिडिया खाना तक में ही सभी सरकारी ऑफिस सिमटे हुए है बाकि बचाता है बोरिंग रोड, फ्रेजर रोड, एक्जिबिसन रोड तथा बेली रोड तो इसमे प्राइवेट आफिस है। अब पटना की पूरी आबादी इतनीही दुरी में सिमटी हुई है तो व्यापर भी इतनी ही दुरी में होगी, तो शहर का बिस्तार कैसे होगा ? नहीं हो सकता है, कारण सामने है।
पटना शहर के बिस्तार का बस एक ही तरीका है कि सचिवालय या फिर विधान सभा या हाईकोर्ट ऐसे कुछ बड़े बड़े आफिस को शहर के बहार विस्थापित किया जाय तो शहर का बिस्तार अपने आप हो जायेगा, अगर ऐसा नहीं किया गया तो यह समस्या हमेशा बनी रहेगी और भीड़ तो बढ़ता ही रहेगा।
आज पटना में भीड़ बढ़ता ही जा रहा है, जितने भी कोचिंग क्लास है वह सब पटना में ही है , क्या जिला स्तर पर इन कोचीन क्लास को खोला नहीं जा सकता है ? खोला जा सकता है , लेकिन इसके लिए सरकार को पहल करनी पड़ेगी, नामी गिरामी कोचीन क्लास को यह हिदायत देनी पड़ेगी कि वो जिला स्तर पर कोचिंग खोले, जब यही सुबिधा उन लडको को वही मिलेगा तो फिर वो पटना क्यों आयेगे।
सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान देना होगा।
अगर आपको कुछ सुझाव देना होतो कृपया सुझाव देने कि कृपा करे क्योकि यह शहर आपका है


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