Friday, August 6, 2010

टेलीविजन

विज्ञानं के अदभुत चमत्कारों में दूरदर्शन (Telivision) एक ऐसा चमत्कार है जो हमारे घर के अन्दर या फिर हमारे दिलो में ऐसा स्थान बना लिया है जिसके बगैर हम सोंच भी नहीं सकते है। यह हमारी दिनचर्याओं से जुड़ा अनिवार्य वस्तु बन गया है। इसके घर में आने से अब दोस्तों कि कमियाँ नहीं खलती है बल्कि कोई मनपसंद प्रोग्राम के समय किसी का आना खलता है। यह जब से घर में आया है परिवार के सभी सदस्य एक ही जगह बैठते है लेकिन कोई किसी से बात नहीं करता है कोई शिकवा शिकायत नहीं सभी का ध्यान टीवी स्क्रीन के तरफ ही रहता है। अकेलेपन के एहसाश को इसने ख़त्म कर दिया है। कुछ जरूरी कार्य भी मनपसंद प्रोग्राम के वक्त टाल जाना आम बात है। इस पिटारे ने सभी का ध्यान रखा है, क्या बच्चा, क्या बुढा, क्या नौजवान लड़का, लड़की, क्या शादीशुदा जोड़ा। सभी के लिए सभी तरह का प्रोग्राम इस पिटारे में देखने को मिल जायेगा। इस पिटारे ने अपनी अनिवार्यता ऐसी बनाई कि अब यह ड्राइंगरूम के साथ-साथ बेडरूम में भी अपनी उपस्थिति कायम कर ली, क्यों कि इस पिटारे में बहुत से ऐसे भी प्रोग्राम आते है जो हम पुरे परिवार के साथ नहीं देख सकते है। कभी-कभी इस पिटारे में कुछ ऐसे दृश्य भी जाते है जिसके चलते एक दुसरे से नज़रे भी चुरानी पड़ती है। थोड़े संपन्न परिवार में हर रूम में इस पिटारे ने अपनी उपस्थिति बना ली है क्यों कि सभी अपना-अपना पसंदीदा प्रोग्राम देखते है। इस पिटारे में आपको दुनियाँ कि हर चीज देखने को मिल जाएगी। बच्चों के लिए कार्टून के बहुत से प्रोग्राम है तो बूढ़े बुजुर्गो के लिए धार्मिक प्रवचन के, नौजवान पीढ़ी के लिए भी बहुत से प्रोग्राम है अगर आप खेल-कूद पसंद करते है तो निराष नहीं होइए आपके लिए भी इसमें प्रोग्राम है, चाहे आप किसी भी छेत्र या विचारधारा से सम्बन्ध रखते है, आप सभी के लिए इस जादुई पिटारे में प्रोग्राम ही प्रोग्राम है ... बश शर्त यह है कि रिमोट का बटन दबाते रहिये आपका मनपसंद प्रोग्राम जरूर देखने को मिल जायेगा, यह इस जादुई पिटारे कि गारंटी है। इस पिटारे में इतना प्रोग्राम भरा हुआ है जो आप सोंच भी नहीं सकते है, आपका समय कम पड़ जायेगा लेकिन इस पिटारे का प्रोग्राम ख़त्म नहीं होगा।
अब इस पिटारे ने हमारे मनोरंजन का ध्यान रखते हुए सामानों के बारे में भी बताने लगा है, उसकी अनिवार्यता बताने लगा है। [मतलब यह कि हमारे घर के अन्दर में यह सामान बेचने लगा है] बच्चे प्रतिदिन कुछ नये-नये वस्तुओं कि फुरामाइश करते है तो पत्नी कुछ अलग फुरामाइश करती है। मतलब यह कि इस पिटारे ने मनोरंजन तो किया लेकिन साथ-साथ परेशानियां भी बढ़ा दी। यानी कल तक जो पैसे ज्यादा लगते थे अब वो कम पड़ने लगे है। इस पिटारे में जितने भी पारिवारिक सीरियल आते है उसमे केवल अमीरी ही दिखाई देती है लगता है किसी राजा महराजा के परिवार कि कहानियां देख रहे है। यह सब देख बच्चे भी वैसा ही व्यवहार करते है। इस जादुई पिटारे ने हमारे जीवन कि दिनचर्या ही बदल दी है, अब संध्या में गाँव के चौपाल पर दोस्तों कि जमघट नहीं लगती है क्यों कि अब दोस्त अपने-अपने घरों में इस पिटारे के सामने बैठे अपना पसंदीदा कोई प्रोग्राम देख रहे होते है। यह पिटारा जब से घर में आया है अपनों से दूर कर दिया है अब कोई भी घटना कि ख़बर लेने के लिए किसी से पूछने कि जरुरत नहीं है बस रिमोट का बटन दबाइए और चलचित्र सहित पूरी जानकारियां ले लीजिये, इस पिटारे ने अपने अन्दर पूरी दुनियां ही समाहित कर ली है
यह पिटारा जब से आया है समाज का दशा और दिशा दोनों बदल दिया है बाजारवाद का पूरा असर इस पिटारे पर पड़ा है आज यह पिटारा प्रचार का सबसे सशक्त मध्यम बन गया है चाहे वह किसी कम्पनी का सामान बेचना हो या चार चक्के कि गाड़ी, फैसन से जुड़े कपडे या जूते-चप्पल, बिउटी टिप्स लेनी हो या खाना बनाने के तरीके सिखनी हो, अंडर गारमेंट्स बेचने हो या सिनेट्री पैड, कंडोम किस-किस का जिक्र करूँ अच्छे और बुरे सभी सामान इस पिटारे के माध्यम से हमारे और आपके ड्राइंगरूम में बेचते है, राजनितिक पार्टियाँ भी पीछे नहीं है वो भी इस पिटारे का इस्तेमाल भरपूर करती है और इसके माध्यम से अपना चुनाव प्रचार करती है इस पिटारे का ही देन है कि आज गाँव-गाँव में फैसन नज़र आने लगा है अब लड़कियां जींस और टोप्स में ज्यादा नज़र आने लगी है, लड़के भी ज्यादातर जींस में ही नज़र आते है, अब समीज-सलवार बीते युग का ड्रेस हो गया है या यूँ कंहे बेटियों ने जींस और टोप्स अपनाया तो मांओ ने उनका छोड़ा हुआ समीज-सलवार अपना लिया इस पिटारे ने हमारे भारतीय संस्कृति पर प्रहार किया है और पाश्चात्य सभ्यता का प्रचार किया है इस पिटारे ने परदे के अन्दर कि चीजों को परदे पर दिखाना शुरू कर दिया है, अब यह पिटारा ज्ञान या मनोरंजन का पिटारा ना रहकर मुसीबतों का पिटारा बनता जा रहा है बुराई में जितना आकर्षण है उतना अच्छाई में नहीं है और यह पिटारा अच्छा बुरा हर चीज दिखता है



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